Strength of Riveted Joint in hindi
Strength of Riveted Joint
= RIVET JOINT की STRENGTH ज्ञात करना
- प्लेटो के CRECKING, रिवेटो क अपरूपण तथा रिवेटो के धारण में से सबसे काम STRENGTH जाता है1 - लैप जोड़े की strength
१ - प्लेटो की crecking - रिवेट hole कारण प्लेट कमजोर हो जाती है तथा प्लेट चिरने के विरुद्ध strength, प्लेट के प्रतिरोध खंड पर निर्भर करती है प्रति गेज चौड़ाई 'g' के लिए यदि,
d = रिवेट होल का Diametert = प्लेट की मोटाई
σtf = अनुमत तनन प्रतिबल
तो प्लेट के फटने के विरुद्ध strength = प्रतिरोध area
× अनुमत तनन प्रतिबल
× अनुमत तनन प्रतिबल
Ft = (g − d) tσtf
२ - रिवेट जोड़ की shear के विरुद्ध strength - यदि रिवेट जोड़े में लगाई गई रिवेटो का व्यास अवसक्ता से काम हो, तो रिवेटो में अवरूपण हो सकता है लैप जोड़ में अवरुपण एक ही ताल पर कार्य करता है अतः उसे एक तल अवरूपण ( single shear ) कहते है यदि रिवेट जोड़ में रिवेट की एक ओर संख्या n हो तो रिवेट के एक ताल के अपवरूण विरुद्ध जोड़ की strength
FS = रिवेट का अपरूपण में प्रतिरोध
× अपरूपण प्रतिबल × रिवेट किएक और की संख्या
= π ⁄4×d²τvf n
d = रिवेट hole का व्यास
τvf = सुरझित अपरूपण प्रतिरोध
३ - रिवेट और प्लेट के सन्दलन के विरुद्ध जोड़ की strength Bearing दाब जो रिवेट पर लगता है वह radial directiob में होता है इस कारण रिवेट का bearing सामर्थ्य उसके प्रझिप्त area के लिए ज्ञात किया जाता है अतः रिवेट जोड़ की bearing सामर्थ्य
FS = PROJECTED AREA ×
Bearing प्रतिबल ×
रिवेट की एक और की सांख्य
FS = d × t σpb× n
FS = dtσpbn
Bearing में रिवेट की strength को पतली प्लेट के लिए ज्ञात करते है
2- BUTT JOINT की STRENGTH
१ - प्लेट पर CRACKING का आना -
प्रति गेज चौड़ाई CRACK के विरुद्ध प्लेट की सामर्थ्यFt= (g - d) tσtf
२ - अपरूपण के विरुद्ध रिवेटो की strength -
दोहरे आवरण जोड़ में shear दो टालो पर कार्य करता है अतः जोड़ की strengthFS = 2[(л/4)X (d x d)] ፒvf n
३ - रिवेटो की bearing के विरुद्ध जोड़ की सामर्थ्य -
Fb = dtσpbn
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