riveted joint design in hindi
रिवेट जोड़ का अभिकल्पन (design)
किसी जोड़ के लिए अभिकल्पन करने का मतलब उस पर कितने रिवेट होंगे, जोड़ की छमता, रिवेट के बिच की दुरी, रिवेट के लिए कितने व्यास की आवश्कता होगी | इन सभी को ज्ञात करके हम किसी रिवेट का अभिकल्पन कर सकते हैं | इसे ज्ञात करने के लिए निम्न सूत्र का उपयोग करते है -
1. रिवेट का अकलित व्यास -
जिस प्लेट का उपयोग किया जाता हैं उस प्लेट की मोटाई ज्ञात होनी चाहिए | और रिवेट का व्यास को ज्ञात कर लेते है जिससे हम सूत्र का उपयोग कर के प्लेट पर रिवेट को डालने का व्यास निकलते हैं -
d1 = 6.05√t
d1 = रिवेट अकलित व्यास मिमी में
t = प्लेट की मोटाई मिमी में
riveted joint diameter |
2. अनुमत प्रतिबल -
भारतीय मानक के अनुसार 800: 1984 के आधार पर अनुमत प्रतिबल चित्र में दिया गया है -
3. रिवेट का अन्तराल -
प्लेट को फटने से बचाने के लिए रिवेट के बीच की दुरी ध्यान रख के दी जाती है इसके लिए प्लेट की सामर्थ्य को R के बराबर माना जाता हैं जिसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जाता है -
F t = (g - d) tσtf = R
4. जोड़ की दक्षता -
यदि रिवेट के बीच अंतराल ज्ञात होतो प्लेट पर विफलता नहीं होगी इसे जोड़ की सामर्थ्य -
5. रिवेटो की संख्या -
प्लेट की मोटाई व उसपे आने वाले बल के अनुसार ही रिवेट की संख्या निकली जाती हैं रिवेट की संख्या प्रेषित बल तथा रिवेट मान से ज्ञात कर लेते हैं
रिवेट संख्या n = F/R
n = रिवेट की एक ओर लगायी गयी संख्या है| जोड़ के दुश्री ओर भी इतने रिवेट प्रयोग की जाती हैं |
इस विषय पर आप का कोई question होतो Comment करे
Comments
Post a Comment
thank you