निस्यंदन के उद्देश्य एवं सिद्धांत
(अ ) बल कृत छानना ( Mechanical Strainings )- जब जल बालू के कणों के मध्य से गुजरता हैं , तब उनके बीच विद्यमान खाली स्थान (voids ) में निलम्बित अशुद्धियाँ रह जाती ,है तथा स्वच्छ पानी बहर निकल जाता है।
(ब ) जैव क्रिया (biological action ) - बालू के मध्य रिक्त स्थानों में जीवाणु जमा हो जाते हैं तथा फिर कणों के चारो तरफ झिल्लीदार परत (जीवाणुओं की ) बन जाती हैं। इन परतों में जीवाणुओं के समूह होते हैं। जल में कार्बनिक पदार्थ आते हैं उन्हें जीवाणु भोजन के रूप में ग्रहण कर लेते हैं , तथा जल काफी हद तक कार्बनिक अशुद्धियो रहित हो जाता हैं।
(स ) विद्दुत अपघटनपरिवर्तन (Electrolytic change ) - जल में निलम्बित अशुद्धियों आयनित होकर एक विशेष चार्ज धारण कर हैं। फ़िल्टर बालू के कणों में इसके विपरीत आवेश होता है अतः दोनों एक - दूसरे उदासीन कर देते हैं। बालू कण तब तक अशुद्धियों का अवशोषण करते हैं , जब तक कि विद्युत् आवेश उदासीन न हो जाये।
(द ) अवसादन (sedimentation ) - बालू के कणों के बीच के रिक्त स्थान छोटी - छोटी अवसादन टंकियों कार्य करते हैं , जिनमे निलम्बित कण अवसादित होकर बालू के कणों से चिपक जाते हैं।, तथा निस्यंदन के पश्चात् परिष्कृत जल प्राप्त होता है।
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