Coagulation and coagulation for water in hindi
जल के लिए कोएग्युलेशन एवं स्कंदन
- पानी में सिल्ट के बारीक़ कण तथा कोलायडल कण यदि निलम्बित अवस्था में तो उन्हें साधारण तलछटीकरण क्रिया से टैंको में नीचे बैठने के लिए पर्याप्त समय लग सकता हैं। कोलायडल कण विद्युत् आवेशित होने के कारण हमेशा गतिशील बने रहते हैं और गुरुत्व भार के कारण कभी नीचे नहीं बैठते। इन्हें दूर करने के लिए पानी में ऐसे रसायन (chemicals ) डालने पड़ते हैं जो बारीक निलंबित कणों को मिलाकर अघुलनशील तह (insoluble precipitate ) में परिवर्तित कर देते हैं जिसे उर्णिका (folc ) कहते हैं।उर्णिका एक प्रकार से काफी सरे कोलायडल कणों के मिलने से बना एक गुच्छा है जो भारी होने के कारण पानी में जल्दी बैठ जाता है। उर्णिका की तह धीरे -धीरे नीचे बैठ जाती है। पानी में ऐसे रसायनों की क्रिया को स्कंदन (coagulation ) तथा इन रसायनो को स्कंदन (caogulant ) कहते हैं। इस प्रकार स्कंदन प्रक्रिया से तलछटीकरण क्रिया त तीव्र हो जाती है और बारीक़ निलम्बित कण उर्णिका की परत के रूप में नीचे बैठ जाते हैं।
इसके अतिरिक्त स्कंदन प्रक्रिया से पानी का रंग ,स्वाद तथा गन्ध भी हैट जाता है उचित मात्रा में स्कंदकों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता है।
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