Steel structure design in hindi

  • STEEL DESIGN - स्टील डिज़ाइन का उपयोग हम स्ट्रक्चर बनाने में करते है | यह मार्केट में असानी से प्राप्त हो जाता है इसलिए इसका उपयोग ज्यादा किया जाता हैं |      
  •        इसमें हम आप को

इसमें हम आप को निम्न के बारे में बताएगे 
  • रिवेट जोड़ (Riveted joint )
  • तनन अवयव(tension member)
  • संपीडन अवयव (compression member)
  • स्तम्भ आधार (column bases)
  • छत कैंची (roof truss)
  • प्रकाष्ठ संरचना (timber structures)

RIVETED JOINT  इस चित्र में आप को रिवेट जोड़  के बारे में सब बताया गया है 

DETAILS ON RIVET JOIN
RIVET JOINT के बारे में अधिक जानने के लिए PHOTO को छुए अथवा LINK में जाये https://civildiploma1.blogspot.com/2020/04/what-is-riveted-joint.html 

  • रिवेट जोड़ की सामर्थ्य निकलने का तरीका (STRENGTH OF RIVETED JOINT) 

STEEL प्लेट को जोड़ने के लिए हम रिवेट का उपयोग करते हैं, प्लेट का फटना, रिवेट जोड़ में Shear, रिवेट तथा प्लेट मे bearing का आना | इन सभी के लिए हम रिवेट की सामर्थ्य निकालते हैं | इसे निकलने के लिए कुछ  step की आवश्कता पड़ती हैं जो आज हम आप को बताएगे |  यह निम्न प्रकार के होते हैं 

  • लैप जोड़ की सामर्थ्य 
  • बट जोड़ की सामर्थ्य 

strength के बारे में अधिक जानने के लिए link को छुए
https://civildiploma1.blogspot.com/2020/04/strength-of-riveted-joint-in-hindi.html

किसी रिवेट की सामर्थ्य निकालने का उदेश्य यह है की उस प्लेट पर बल लगाया जाये तो सबसे पहले प्लेट पर कुछ problem आती हैं की रिवेट पर, अगर प्लेट पर लैप जोड़ है तो रिवेट टूटे गा और अगर बट जॉइंट है तो प्लेट टूटे गी इससे बचने के लिए हमे बल के अनुसार ही रिवेट और प्लेटो का उपयोग करना चाहिए | ऐसी इस्तिथि में हम को यह ज्ञात होना चाहिए की उस प्लेट या रिवेट की strength, shear /bearing /cracking में  कितनी हैं | इसे निम्न प्रकार से ज्ञात किया जाता हैं | 
  • लैप जोड़ की सामर्थ्य 

  1. रिवेट जोड़ की कर्तन के विरुद्ध सामर्थ्य - जिस रिवेट का उपयोग कर रहे हैं अगर उस का व्यास आवश्यकता से कम हैं तो रिवेट में अपरूपण हो सकता है लैप जोड़ में अपरूपण (shear) एक ही तल पर कार्य करता हैं |

जिस जोड़ का आप उपयोग कर रहे हैं उसमे एक ही रिवेट की एक और सांख्य  n हो तो कर्तन विरुद्ध जोड़ की सामर्थ्य 
s = रिवेट का अपरूपण में प्रतिरोध area x अपरूपण प्रतिबल x रिवेट की एक और की संख्या                                        
   =  (π/4) x d x τvf x n
     = रिवेट का व्यास 
τv f   = सुरच्छित प्रतिबल ( Shear stress )
(π/4) x d 2   =  इसका मतलब है की जिस रिवेट का आप  उपयोग कर रहे हैं उसके कितने area बल में है | अतः रिवेट का व्यास CIRCLE  के व्यास के सामान ही होगा |
n      = रिवेट की संख्या 
2.  प्लेटो का चिर जाना   - प्लेट में रिवेट को जोड़ने के लिए उसमे छिद्र बनाने पड़ते है जिससे उस प्लेट का सिरा कमजोर हो कर टूटने लगता है जिसे हम प्लेटो का चीरना कहते हैं| प्लेट चीरने की सामर्थ्यता, प्लेट के प्रतिरोध पर निर्भर करती हैं अतः प्लेट के कितने किनारे पर hole किया जाये की प्लेट पर cracking न आये | प्लेट की सामर्थ्य निम्न तारीके से ज्ञात किया जा सकता हैं -  

        = प्रतिरोध area  x अनुमत तनन प्रतिबल 
t         = (g - d) tσtf 
             d            = रिवेट छिद्र का व्यास 
              t            = प्लेट की मोटाई 
             σtf             = अनुमत तनन प्रतिबल

             3 .  रिवेट अथवा प्लेट के संदलन के विरुद्ध जोड़ की सामर्थ्य   - धारण दाब जब रिवेट पर लगता है तो वह रिवेट पर सीधा न लग के उसके radial direction में होता है जिस कारण से bearing strength उसके projected area पर ज्ञात करना पड़ता हैं | रिवेट जोड़ की bearing strength निम्न तरीके से ज्ञात किया जा सकता है
b               =  projected area x धारण प्रतिबल x रिवेट की एक ओर सांख्य
         b           = d σpb
जब किसी प्लेट को खींचा जाता है तो उन प्लेटो के बीच जो रिवेट होता है उसके स्ट्रेंथ से ज्यादा बल लगाने पर रिवेट मुड़ने लगता है जिसे रिवेट का संदलन होना कहते हैं | 

  • बट जोड़ की सामर्थ्य 





  1. प्लेटो का चिर जाना  - बट जोड़ में दो प्लेट के बीच जोड़ होता हैं इनके लिए एक अतिरिक्त प्लेट का उपयोग करना पड़ता है जिसमे रिवेट के लिए HOLE की आवश्कता होती है जिसके कारण रिवेट होल के कारण प्लेट के फटने का भय होता हैं | प्लेट का फटना उसके खण्ड पर निर्भर करता हैं | अतः  उसकी सामर्थ्य निम्न सूत्र से निकाली  जाती हैं - 

F t   = (g - d) tσtf 

     2. रिवेट जोड़ की कर्तन के विरुद्ध सामर्थ्य - प्लेट पर लगाया गया रिवेट व्यास आवश्कता से ज्यादा है तो रिवेट पर अवरूपण होता है इससे रिवेट में अपरूपण हो सकता है जिसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जाता हैं - 

    =  2(π/4) x d x τvf x n

    3  रिवेट अथवा प्लेट के संदलन के विरुद्ध जोड़ की सामर्थ्य - जब किसी बट जोड़ प्लेट पर बल लगाते है तब उस पर ीक प्लेट के टूटने का भय होता है जिसके लिए प्लेट की स्ट्रेंथ ज्ञात की जाती है - 
b           = d σpb



इन सूत्र की मदद से आप रिवेट जोड़ की स्ट्रेंथ निकल सकते है अगर आप को यह ब्लॉग अच्छा लगा होतो Comment करे

रिवेट जोड़ के डिज़ाइन के लिये link पर किल्क करे  https://civildiploma1.blogspot.com/2020/04/riveted-joint-design-in-hindi.html

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Comments

  1. Thanks for sharing helpful information regarding stainless steel railing. Hope to see more article from you.

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