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Showing posts from May, 2020

RIVET joint numerical in Hindi

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प्रश्न   -  उपरोक्त   आकृति   के   अनुसार   दिये   गये   रिवेटेड   ज्वाइंट   के   लिए   दूरस्थ   रिवेट   में   अधिकतम   अपरूपण   प्रतिबल   कितना   होगा  |  रिवेट   का   व्यास  16 mm  एवं   इसमें   एकल   अपरूपण   हैं  |      हल  रिवेट पर आने वाला सीधा भार (direct load) F 1  = P/n          = 120/8      = 15kN    रिवेट पर आने वाला स्पर्श रेखीय बल (tangential linear force) F 2  = Mr /  Σr    अब  M =Pe                             = 120  ×(200/1000)     = 24 kN-m               ∑r²= 4(r 1 ² + r 2 ²)                     =4{(130) ² + (64.031) ²}      = 84000 mm ²           दूरस्थ रिवेट की दुरी r  = 130 mm                                            F 2  = {(24 ×0.13)/ (84000 ×10 ⁻⁶)} F 2 = 37.143kN                          COS ø = 40/130                                         = 4/13                                     परिणामी बल  F=  √(F 1 ²+F 2 ²+2 F 1 F 2 COS ø)                              F= √[15 ²+37.143 ²+2 ×15 ×37.143 ×(4/13)] F=44.13kN                     अपरूपण प्रतिबल   = F/A     

water cycle in Hindi

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जल चक्र जल का महत्व (importance of water)   सम्पूर्ण सष्टि को जीवित रहने के लिए वायु के साथ साथ जल की आवश्यकता होती है जल जीवन का मुख्य अवयव है इसी लिए जल ही जीवन है कहाजाता है | पृथ्वी में लगभग 71% भाग जल से ही ढका हुआ है परन्तु समुदो में व्याप्त जल पीने योग नहीं है | अतः जल हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है |  जल का उपयोग (use of water)    जल  हमारे साथ साथ सभी जीव के लिए आवश्यक है लेकिन मनुष्य इसका उपयोग अधिक मात्रा में करता है जैसे पीने के लिए, खाना बनाने के लिए, स्नान करने, कपडे तथा बर्तन धोने में इसका उपयोग अधिक है| फसल उगने में पानी का महत्व अधिक है | जल का उपयोग मनोरंजन तथा खेल कूद में भी होता है| अतः जल को बचाना अति आवश्यक है|  जल चक्र क्या है    (water cycle)   पृथ्वी में जल की मात्रा निश्चित है परन्तु जल अपना रूप change करता है तथा एक निश्चित समय में पुनः जल में आ जाता है| इस क्रिया को जल चक्र कहा जाता है| यह दो प्रकार के होते है -  प्राकृतिक जल चक्र  मानवीय जल चक्र  प्राकृतिक जल चक्र    जल को मुख्य स्त्रोत वर्षा है इसी की मदद से जल पृथ्वी पर आता है| बदल से जल

PHE के कार्य

पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग के कार्य निम्न है  महामारी से बचाव वायुशीतन प्रणाली  मल जल का शोधन  शोधित पानी को एकत्र करना तथा उसे व्यक्ति तक पहुंचना  पानी के स्त्रोत का चयन  स्त्रोत के अनुरूप INTAKE का निर्माण  पानी को पीने योग बनाना  मल जल का समापन  देहाती क्षेत्र की सफाई  पानी के स्त्रोत का चयन 

gusset base design in Hindi

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gusset base (गजेट आधार) gusset base क्या है? gusset base, एक प्रकार की प्लेट होती है जिसे slab base के लम्ब लगाया जाता है इसका काम column को सीधा रखना है जब column में बहुत अधिक भार या अक्षीय भार के साथ-साथ नमन आघूण भी हो तब इसका प्रयोग करते है इससे जोड़ कर angle section लगाया जाता है | यह market में आसानी से प्राप्त हो जाती है फिर इसको अपनी आवश्कता के अनुसार बनाया जाता है | इसका आकार अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते है| यह column के दोनों और लगाई जाती है|   gusset base की design   step-1 σ bc   का मान ज्ञात करते है  step-2  base plate का area  A = P/ σ bc   P = column का सम्पूर्ण भार (column का भार अक्षीय भार का 10 % लेते है ) step-3   अब gusset material को चुनते है | जिसके लिए gusset plate की मोटाई 16mm से कम नहीं होनी चाहिए| gusset angle इस प्रकार चुनते है की vertical leg पर रिवेट की दो रो एवं क्षैतिज लेग पर रिवेट की एक रो आ जाये | gusset angle की मोटाई gusset प्लेट की मोटाई के बराबर होती है| gusset प्लेट की लम्बाई base प्लेट की चौड़ाई के बराबर होत

slab base in Hindi

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स्लैब बेस (slab base) slab base क्या है  slab base एक प्रकार की प्लेट होती है जिसको column के निचे लगाया जाता है इसका काम load को निचे भेजना होता है | इसको base plate भी कहा जाता है | इस प्लेट को column के साथ रिवेट से जोड़ा जाता है |   slab base की design  step - 1 b ase plate का area = column का भार / कंक्रीट की धारण क्षमता step - 2 base प्लेट का आकार वर्गाकार या आयताकार होता है| जिसके लिए प्लेट की मोटाई निम्न तरीके से ज्ञात की जाती है   step - 3 गोले column के लिए प्लेट की मोटाई 

Batten plate design in Hindi

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batten plate (बैटन प्लेट)   बैटन प्लेट क्या है ❓ यह एक प्रकार की प्लेट होती है जिसका उपयोग हम दो compression member को जोड़ने में करते है जैसे दो I-sec या c-sec को जोड़ कर column का निर्माण किया जाता है | बैटन प्लेट को member पर एक सामान रूप में लगाया जाता है| बैटन प्लेट की कम से कम इतनी संख्या हो कि यह मेंबर को तीन भाग में बाट सके | बैटन प्लेट दो प्रकार की होती है -  batten प्लेट  end batten   - जो प्लेट ऊपर या नीचे लगी होती है उसे end batten प्लेट कहा जाता है  intermediate batten  - end प्लेट के बीच की सभी प्लेट intermediate प्लेट कहलाती है  यह प्लेट lacing की तुलना में अधिक खर्चीले होते है जिस column में उत्केन्द्रीय बल आता है वह इसका उपयोग नहीं किया जाता है | इसका उपयोग काम होता है |  बैटन प्लेट की design (IS CODE 800:1984) column section जिसको बैटन प्लेट से जोड़ना है उसके लिए प्रभावी लम्बाई 10 % से अधिक लेते है  प्लेट के बीच का अंतर इस प्रकार लेते है कि min slenderness ratio ( c /r yy   ⊁50 ) या बैटन अक्ष के समानांतर संघटित अवयव के तनुता अवयव का 0.7 गु

Lacing system design in Hindi

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lacing system       introduction      यह एक प्रकार की प्लेट होती है जिसे column में लगाया जाता है इसका काम column को मुड़ने से बचाना होता है और यह column के विभिन्न तत्वो को उनके सापेक्ष स्थिति में रखती है और वह इकाई की तरह कार्य करते है column के विफल होने पर यह अनुप्रस्थ अपरूपण बल को सेहत है |   lacing के प्रकार  lacing दो प्रकार की होती है  इकहरा जालक (single lacing ) इसमें प्लेट की संख्या एक ही होती है दो प्लेट के बीच का angle 45 - 60 के बीच में होना चाहिए    single lacing  दोहरा जालक (double lacing ) -  इसमें प्लेट की संख्या दो  ही होती है दो प्लेट के बीच का angle 45 - 60 के बीच में होना चाहिए double lacing  lacing design ( IS code 800:1984 )  single lacing या double lacing पद्धति में lacing की प्लेट का छुकाव 40 - 70 के बीच होनी चाहिए lacing का अधिकतम अंतराल , दो I sction के लिए column के भाग का तनुता अनुपात I /  r  MIN  ⊁ 0.7 संघटित column के चरम प्रतिकूल तनुता अनुपात ⊁50 में जो भी काम हो एवं दो C section के लिए I /  r  MIN  ⊁ 0.6 संघटित co